नाबालिग लड़कियों की शादी रोकने एवं साइबर क्राइम के प्रति जागरूक करने के लिए पुलिस ने आयोजित किया जागरूकता शिविर

क्रान्ति शिंग रानीगंज:– पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से नाबालिग लड़कियों की शादी रोकने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। जहां भी पुलिस को नाबालिग लड़की की शादी की खबर मिलती है, पुलिस के अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचते हैं और इसे रोकने का प्रयास करते हैं। नाबालिग लड़कियों की शादी रोकने एवं साइबर क्राइम के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के स्वास्थ्य सखी परियोजना के तहत रानीगंज थाना और निमचा फांड़ी के संयुक्त प्रयासों से रविवार को निमचा कोलियरी अंतर्गत मुर्गाथोल स्थित सिद्धू कानू स्मृति भवन में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के जरिए आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के आला अफसरों सहित चिकित्सकों ने लोगों को कम उम्र में लड़कियों की शादी करने के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दिए। यहां बड़ी संख्या में इलाके के आदिवासी समाजकी महिलाएं और बच्चियां उपस्थित थीं। आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के डीसी सेंट्रल डॉक्टर कुलदीप एस एस यहां विशेष रूप से उपस्थित थे। इनके अलावा एसीपी तथागत पांडे, रानीगंज थाना के प्रभारी सुदीप दास गुप्त, निमचा फाड़ी के प्रभारी बिजन समादार, पंजाबी मोड़ फाड़ी के प्रभारी मानव घोष के अलावा निमचा फाड़ी के तमाम अधिकारी मौजूद थे। इसके अलावा अंचल के युवा समाजसेवी अर्जुन सिंह, शिबू यादव, डॉ. विकास राउत, मंटू सोरेन, धीरेन हेमब्रम, विकास सिंह, रिंकू झा, मल्लिका मंडल, परवेज खान, दीपक पासवान, शंकर नोनिया सहित अन्य मौजूद रहे। इस मौके पर डीसी सेंट्रल डॉ कुलदीप एसएस ने लोगों को कम उम्र में लड़कियों की शादी करने के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वह खुद एक डॉक्टर हैं और काफी लंबे समय तक स्वास्थ्य केंद्र में काम कर चुके हैं। ऐसे में उनको पता है कि कम उम्र में लड़कियों की शादी होने से क्या तकलीफ हो सकती है। साथ ही उन्होंने कहा कि साइबर फ्रॉड से बचने के लिए मोबाइल पर आने वाला ओटीपी कभी भी किसी को ना बताएं। उन्होंने कहा कि जागरूकता से ही साइबर क्राइम से बचा जा सकता है। दूसरी तरफ एसीपी तथागत पांडे ने भी लोगों को कम उम्र में लड़कियों की शादी न करने की हिदायत दी। उन्होंने कहा यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि आज भी हमारे देश में कई महिलाओं की जान प्रसव के दौरान चली जाती है और ऐसा सिर्फ इसलिए होता है, क्योंकि कम उम्र में उनकी शादी कर दी जाती है। जिससे उनका शरीर मां बनने के लिए तैयार नहीं होता और वह इस पीड़ा को झेल नहीं पाती। तथागत पांडे ने कहा कि इसके लिए कम उम्र में उनकी शादी कर देना सबसे प्रमुख वजह है। उन्होंने कहा कि लड़कियों के खानपान पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। अगर किसी परिवार में आर्थिक तंगी के कारण अच्छा भोजन नहीं मिल रहा तो वह गुड़ खा सकता है क्योंकि गुड़ खाने से शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ती है। एसीपी तथागत पांडे ने साफ कहा कि लड़कियों का जन्म सिर्फ खाना पकाने के लिए नहीं हुआ है उनको पढ़ाएं और उनको भी समाज में प्रतिष्ठित करें। इस दौरान आदिवासी समाज की ओर से पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत कर अतिथियों का स्वागत किया गया। साथ ही इस तरह के जागरूकता शिविर आयोजन करने के लिए आदिवासी समाज की ओर से पुलिस विभाग को धन्यवाद दिया गया। मौके पर पुलिस की ओर से अंचल के लगभग 300 आदिवासी महिलाओं के मध्य साड़ी, छाता, ओआरएस एवं एक माह का खाद्य सामग्री वितरण किया गया।

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