रानीगंज हालदार बांध में श्री रक्षा काली मंदिर पूजा कमेटी के तरफ से 151वां वार्षिक उत्सव मनाया गया ASANSOL EXPRESS NEWS

रानीगंज….आसनसोल नगर निगम के 93 नंबर वार्ड अंतर्गत रानीगंज के हालदार बांध इलाके में स्थित श्री श्री रक्षा काली मंदिर पूजा कमेटी के तरफ से हर साल की तरह इस साल भी वार्षिक उत्सव मनाया गया।
इस वार्षिक उत्सव में रानीगंज के विधायक तापस बनर्जी 36 नंबर वार्ड के पार्षद दीव्येंदु भगत 91 नंबर वार्ड के पार्षद राजू सिंह 93 नंबर वार्ड के पार्षद आलोक बोस 33 नंबर वार्ड पार्षद ज्योति सिंह,सदन कुमार सिंह,गोबर्धन केउरा,पुरोहित
सत्यजीत मिश्रा,पुरोहित प्रभात,मितुल केउरा,
जीतू केउरा,बिक्की केउरा शिबा रजक, फैला केउरा,और भी तमाम श्री श्री रक्षा काली मंदिर पूजा कमेटी के सदस्यगण उपस्थित थे।
आपको बता दें कि हालदार बांध इलाके में होने वाले इस पूजा में न सिर्फ रानीगंज आसनसोल बल्कि अन्य जिले यहां तक कि अन्य प्रदेशों से भी लोग आकर शामिल होते हैं।
और मां का आशीर्वाद ग्रहण करते हैं,पूजा में शामिल हुए रानीगंज के विधायक तापस बनर्जी ने कहा कि मां रक्षा काली मंदिर में आयोजित इस पूजा में सम्मिलित होकर वह बेहद खुश है उन्होंने मां से प्रार्थना की कि सभी स्वस्थ रहें सुरक्षित रहें और सभी के जीवन में खुशियां बनी रहे । उन्होंने कहा कि भारत पुण्य भूमि है और यहां हर धार्मिक अनुष्ठान को लोग पूरी श्रद्धा के साथ मनाते हैं, वही 36 नंबर वार्ड पार्षद दिव्येंदु भगत ने कहा की पूजा अर्चना और धार्मिक अनुष्ठानों से लोगों को पुण्य मिलता है यहां जो पूजा होती है वह बेहद प्राचीन है और यहां लोगों का मानना है कि मां काली लोगों की हर मनोकामना पूरी करते हैं और लोगों की रक्षा करते हैं यही वजह है कि यहां होने वाले पूजा में दूरदराज से लोग आते हैं और मां का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं वही पूजा के आयोजन से जुड़े गोवर्धन ने कहा कि यह एक रात की पूजा होती है और यहां दूरदराज से लोग आकर झुकते हैं उन्होंने कहा कि यहां सभी प्रकार के धार्मिक रीति-रिवाजों को मानते हुए पूजा अर्चना की जाती है साथ ही यहां सांस्कृतिक अनुष्ठान भी आयोजित किए जाते हैं। वही एक और मंदिर के पुरोहित सत्यजीत मिश्रा ने कहा कि यह पूजा काफी प्राचीन है शताब्दी प्राचीन इस पूजा में लोग दूर-दराज से आते हैं और मां का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं उन्होंने कहा कि एक रात की पूजा है जहां सभी प्रकार के धार्मिक रीति-रिवाजों को मानते हुए पूजा की जाती है इस पूजा की खासियत यह है कि यहां एक ही रात में मां की पूजा से संबंधित सभी रीति-रिवाजों का पालन कर अगले दिन सूरज निकलने से पहले ही मां की प्रतिमा का विसर्जन कर दिया जाता है उन्होंने बताया कि इसके साथ ही यहां विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं।

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